राकेश राणा //बंगाणा
अटल बिहारी वाजपेई राजकीय महाविद्यालय बंगाणा में राजनीति विज्ञान विभाग के विभागअध्यक्ष प्रोफेसर सिकंदर नेगी के अध्यक्षता में ग्रुप डिस्कशन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। मंच का संचालन वंशिका ने किया।
ग्रुप डिस्कशन प्रतियोगिता का विषय वर्तमान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सकारात्मक व नकारात्मक प्रभाव। इस प्रतियोगिता में चार टीमों ने भाग लिया। सभी टीमों ने अपने विचार रखते हुए कहा कि कृत्रिम बुद्धि, कंप्यूटर विज्ञान की एक शाखा है जो मशीनों और सॉफ्टवेयर को बुद्धि के साथ विकसित करता है।1955 में जॉन मैकार्थी ने इसको कृत्रिम बुद्धि का नाम दिया और उसके बारे में “यह विज्ञान और इंजीनियरिंग के बुद्धिमान मशीनों बनाने के” के रूप परिभाषित किया। कृत्रिम बुद्धि अनुसंधान के लक्ष्यों में तर्क, ज्ञान की योजना बना, सीखने, धारणा और वस्तुओं में हेरफेर करने की क्षमता, आदि शामिल हैं।वर्तमान में, इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए सांख्यिकीय विधियों, कम्प्यूटेशनल बुद्धि और पारंपरिक खुफिया शामिल हैं। कृत्रिम बुद्धि का दावा इतना है कि मानव की बुद्धि का एक केंद्रीय संपत्ति एक मशीन द्वारा अनुकरण कर सकता है। वहाँ दार्शनिक मुद्दों के प्राणी बनाने की नैतिकता के बारे में प्रश्न् उठाए गए थे। लेकिन आज, यह प्रौद्योगिकी उद्योग का सबसे महत्वपूर्ण और अनिवार्य हिस्सा बन गया है। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान सपना की टीम जिसमें वासु शर्मा और शिल्पा शर्मा ने, द्वितीय स्थान इंदू की टीम ने,जिसमें प्रीति और रोहित डोगरा ने और तीसरा स्थान नेहा की टीम ने जिसमें श्वेता शर्मा और निखिल ने प्राप्त किया।