पर्यटन व सुरक्षा की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण माने जाने वाले कांगड़ा एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए राहत एवं पुनर्वास को मैगा प्लान तैयार किया जा रहा है। बड़ा हवाई अड्डा बनाने के लिए 3655 परिवार विस्थापित होंगे। इस परिवारों को दोबारा बसाने के लिए प्रदेश सरकार जमीन भी अलॉट करेगी, जिसके लिए जिला प्रशासन ने करीब 544 कनाल सरकारी जमीन चिन्हित कर ली है,
जहां पर विस्थापितों को बसाने की योजना की जा रही है। जिला प्रशासन ने शाहपुर, धर्मशाला तथा कांगड़ा तहसील के अंतर्गत सरकारी भूमि सिलेक्ट कर ली है। कांगड़ा तहसील के अंतर्गत आने वाले पटवार मोहाल टांडा खोली, अपरेहड़, घुंडी, हार चौंधा में जमीन चिन्हित की गई है।
इसी तरह धर्मशाला के मनेड़, सुक्कड़ खास, भदरोलू तथा शाहपुर के कयोड़ी, भड़ोत, बैंटलू, रनेहड़, हार, गिल्लर भेडा, मंझग्रां, कुठेड़, चड़ी, धनोटू, रैत और नेरटी आदि मोहाल में सरकारी जमीन प्रशासन ने चिन्हित कर ली है। प्रदेश सरकार ने सत्ता संभालते ही कांगड़ा को टूरिज्म कैपिटल बनाने का ऐलान किया था। इस लिहाज से भी प्रदेश सरकार कांगड़ा एयरपोर्ट का विस्तार करने के लिए जुटी है, क्योंकि एयरपोर्ट विस्तार होने से यहां पर सैलानियों की आमद में भी बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा धर्मशाला में आए दिन नेशनल और इंटरनेशनल इंवेट होते हैं, इसलिए एयरपोर्ट का विस्तार करने से सैलानियों को आने-जाने में काफी सुविधा मिलेगी। दूसरी तरफ स्थानीय लोग एयरपोर्ट विस्तार से पहले उन्हें चार गुना मुआवजा देने की बात कर रहे हैं, जिससे वह अपने लिविंग स्टैंड को मेंटेन कर सकें। इतना ही नहीं, गगल व्यापारिक केंद्र है और लोग उन्हें ऐसा ही सेंटर विकसित कर देने की भी बात कर रहे हैं।
स्टेट मॉनिटरिंग कमेटी को भेजी फाइल
जिला कांगड़ा के गगल एयरपोर्ट विस्तारीकरण की दिशा में जिला प्रशासन ने एक और कदम आगे बढ़ाते हुई आर एंड आर की फाइनल रिपोर्ट स्टेट मॉनिटरिंग कमेटी को भेज दी है। इस रिपोर्ट में जिला प्रशासन द्वारा अब तक की कार्रवाई और प्रभावित होने वाले परिवारों की आपत्तियों और सुझावों व मांगों को भी शामिल किया गया है। इस रिपोर्ट में एयरपोर्ट विस्तार की जद में आने वाले परिवारों और अधिग्रहण की जाने वाली भूमि का ब्यौरा भी दिया गया है। अब आगे की कार्रवाई स्टेट मॉनिटरिंग कमेटी द्वारा की जाएगी