पौंग बांध (Pong Dam) से सटे क्षेत्र का तटीकरण होगा। इसके साथ ही बांध के समीप खाली जमीन पर सड़क का निर्माण भी होगा जिससे बरसात के मौसम में जलस्तर बढ़ने से बांध के समीपवर्ती इलाकों में होने वाले नुकसान को कम किया जा सके। पौंग बांध से कांगड़ा के पांच विधानसभा क्षेत्रों की सीमा सीधे तौर पर सटी हुई है। इसमें देहरा, जसवां-परागपुर, फतेहपुर, जवाली और इंदौरा (indora ) शामिल हैं।
बरसात के मौसम में पौंग बांध (Pong Dam) का जलस्तर काफी बढ़ जाता है। बांध का यह पानी पूर्व में कांगड़ा के इन पांच विधानसभा क्षेत्रों में काफी नुकसान पहुंचाता रहा है। बाढ़ के कारण भूमि कटाव सहित अन्य समस्याएं भी पेश आती हैं। इन पांचों विधानसभा क्षेत्रों के बाशिंदे लंबे समय से जिला प्रशासन के समक्ष इस समस्या को उठाते रहे हैं। प्रभावितों की इस मांग को जिला प्रशासन ने गत दिवस धर्मशाला में आयोजित बैठक में रखा।
पौंग बांध (Pong Dam) से सटे क्षेत्र का होगा तटीकरण
जिला प्रशासन की इस मुद्दे पर कांगड़ा-चंबा के सांसद किशन कपूर और देहरा के विधायक होशियार सिंह ने भी सहमति दी। अब इस मुद्दे को भाखड़ा बांध प्रबंधन बोर्ड के समक्ष भेजा गया है। बीबीएमबी ने सैद्धांतिक रूप से इस मांग को मान लिया है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि प्रभावित क्षेत्रों का तटीकरण और सड़क निर्माण के कार्य को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा।
प्रशासन का मानना है कि अगर पौंग बांध से सटे क्षेत्र में तटीकरण और सड़क का कार्य होता है तो इससे आपदा के समय रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने और बीबीएमबी को बांध पर निगरानी रखने में भी मदद मिलेगी।
पौंग बांध (Pong Dam) से सटे क्षेत्र में तटीकरण और सड़क के मामले को बीबीएमब के समक्ष उठाया गया है। तटीकरण से किसानों की उपजाऊ जमीन को बचाया जा सकता है। साथ ही सड़क बनने से प्राकृतिक आपदा के समय रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने और बीबीएमबी को बांध पर निगरानी रखने में मदद मिलेगी। –-डॉ. निपुण जिंदल, उपायुक्त कांगड़ा।