कांगड़ा//विनोद कुमार
प्रदेश की बड़ी एवं महत्त्वाकांक्षी परियोजना कांगड़ा एयरपोर्ट विस्तारीकरण (kangra airport expansion update ) की जद में आने से गगल बाजार पूरी तरह से उजड़ जाएगा। इसी को ध्यान में रखते हुए यहां से विस्थापित होने वाले कारोबारियों को कामर्शियल कैंपस बनाने का भी प्लान है।
जिला प्रशासन को व्यावसायिक परिसर के लिए जमीन तलाशने के निर्देश जारी हो गए हैं, लेकिन लोकसभा चुनावों के चलते आचार संहिता लगने से अभी यह प्रोसेस फिलहाल थम गया है। आचार संहिता हटने के बाद इस प्रोसेस की शुरू किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार गगल एयरपोर्ट विस्तारीकरण की जद में 700 से ज्यादा दुकानें और व्यापारिक संस्थान आएंगे। इन्हें बसाने के लिए कामर्शियल कैंपस का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा दुकानदारों को वन टाइमसेटल का मौका देकर मुआवजा दिया जाएया या दुकान के बदले दुकान देने का भी आप्शन रहेगा।
कांगड़ा एयरपोर्ट का विस्तार होने से इस क्षेत्र खास कर गगल बाजार का नामोनिशान मिट जाएगा। यानी 702 के करीब दुकानें एयरपोर्ट की भेंट चढ़ जाएंगी। गगल एक व्यापारिक कस्बा है। यह बाजार आसपास के कई क्षेत्रों का भी मुख्य बाजार है। एक मोटे अनुमान के अनुसार 702 दुकानें उजडऩे से इतने ही परिवारों का रोजगार तो जाएगा ही, साथ यहां काम करने वालों के लिए रोजगार के रास्ते बंद हो जाएंगे। यहां के बाजार में बड़े-बड़े शोरूम से लेकर ऑटो सेक्टर के शोरूम सहित नामी गैराज हैं, जहां पर चार से पांच लोग रोजगार पाकर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं। इसलिए इन लोगों को फिर से बसाने के लिए री-सेटलमेंटल पॉलिसी के तहत मुआवजा दिया जाएगा या दुकान के बदले दुकानें देने का भी प्रावधान है।
एयरपोर्ट विस्तार पर हाई कोर्ट में सुनवाई 23 अप्रैल को प्रदेश उच्च न्यायालय में विस्तारीकरण को लेकर चल रहे मामले की अगली सुनवाई 23 अप्रैल को रख दी है। संघर्ष समिति के अध्यक्ष रजनीश मोना ने कहा के उन्हें पूर्ण विश्वास है कि न्यायालय जनता के साथ अन्याय नहीं होने देगा और जनता को उसका हक न्याय दिलाएगा। उन्होंने कहा के इलाकावासी पूरी तरह अदालत के फैसले पर विश्वास बनाए हुए हैं। क्षेत्र के लोग इंटरनेशनल हवाई अड्डे का विरोध नहीं कर रहे हैं, उनका यही कहना है कि इंटरनेशनल हवाई अड्डा बने, लेकिन इंटरनेशनल हवाई अड्डा उस जगह बनाया जाए, जहां उजाड़ीकरण का मुंह न देखना पड़े।