Saturday, April 27, 2024
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नालागढ़ में होली के उपलक्ष में काव्य गोष्ठी का हुआ आयोजन

सस्ता तो बहुत है इश्क, मगर हर दिल की कीमत होती नहीं

 

नालागढ़//ऋषभ शर्मा

नालागढ़ में नालागढ़ साहित्य कला मंच द्वारा होली के उपलक्ष में एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमे साहित्यकारों द्वारा काव्य पाठ किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता नालागढ़ साहित्य कला मंच के अध्यक्ष यादव किशोर गौतम ने की। कवि गोष्ठी की शुरुआत मंच की संरक्षक एवं वरिष्ठ साहित्यकार कृष्णा बंसल की कविता “मौसम ने करवट ली, फागुन ने दस्तक दी” से हुई।

 

Poetry seminar organized on the occasion of Holi in Nalagarhइसके बाद सुमति सिंघल ने” बचपन में बड़े होने की चाह, जवानी में बचपन छूटने का दर्द” से जीवन की पहेली का वर्णन किया। विजय लक्ष्मी ने फागुन आया कविता प्रस्तुत की। प्रमोद हर्ष के श्रृंगार गीत ” सस्ता तो बहुत है इश्क मगर हर दिल की कीमत होती नही” ने खूब तालियां बटोरी। अदित कंसल ने अपनी गजल “बुजुर्ग की आवाज नही आती, घर में अखबार नहीं आती,” के माध्यम से आज की परिस्थिति को बयान किया। हरिराम धीमान ने आज के राजनेतिक हालात पर टिप्पणी करते हुए कहा कि “अब के होली सब से न्यारी है, कीचड़ से खेलने की तैयारी है”। यादव किशोर गौतम ने धार्मिक रचना “आजा आजा रे बनवारी ” समा बांध दिया।
इस अवसर पर सदस्यों ने एक दूसरे को रंग लगाकर सांकेतिक रूप से होली भी मनाई तथा मुंह मीठा करवाया।

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