कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तारीकरण (Kangra Airport Expansion) को लेकर प्रदेश सरकार ने कवायद तेज कर दी है। प्रदेश सरकार कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तारीकरण को लेकर अधिग्रहण के लिए प्रस्तावित भूमि पर बसे 1200 परिवारों का शनिवार से सामाजिक असर का सर्वे शुरू करेगी। सामाजिक असर का सर्वे शुरू करने से पहले प्रदेश सरकार ने अधिग्रहण के लिए प्रस्तावित सरकारी और निजी जमीन की खसरा नंबर समेत अधिसूचना जारी कर दी।
अधिसूचना के मुताबिक कांगड़ा एयरपोर्ट के लिए 14 गांवों से 1200 परिवारों की जमीन अधिग्रहण के लिए प्रस्तावित की है। अधिसूचना में सरकार ने 1200 परिवारों की जमीन का ब्योरा भी दे दिया है, जिससे लोग जान सकें कि उनकी कितनी भूमि अधिग्रहण में जा सकती है। अधिग्रहण के लिए सरकार ने 14 गांवों की सरकारी और निजी करीब 147 हेक्टेयर (करीब 3847 कनाल) जमीन चयनित की है। इसमें 123 हेक्टेयर निजी और सरकारी 24 हेक्टेयर सरकारी भूमि चयनित है।
एयरपोर्ट विस्तारीकरण (Kangra Airport Expansion) का गांवों में सामाजिक प्रभाव का क्या असर पड़ेगा, इसका आकलन करने का जिम्मा हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) शिमला को सौंपा है। उपायुक्त निपुण जिंदल ने बताया कि प्रदेश सरकार ने हवाई अड्डे के विस्तारीकरण को लेकर सामाजिक प्रभाव आकलन (सोशल इंपैक्ट असेसमेंट) की अनुमति दे दी है। टीम इस कार्य को छह महीने में पूरा करेगी। पहले विस्तारीकरण दो चरणों में होना था लेकिन अब सरकार इसको एक ही चरण में पूरा करना चाहती है।
हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के चलते नेशनल हाइवे की अलाइनमेंट में बदलाव किया जाएगा
एयरपोर्ट विस्तारीकरण (Kangra Airport Expansion) के लिए अभी सिर्फ लोगों की जमीन चिह्नित की गई है। 6 माह तक टीम सर्वे करेगी कि एयरपोर्ट विस्तारीकरण का 14 गांवों के 1200 परिवारों पर क्या सामाजिक असर पड़ेगा। इसके बाद टीम सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसके बाद सरकार के आदेश पर विशेषज्ञ चर्चा कर देखेंगे कि विस्तारीकरण कितना हितकारी है। इसी के बाद सरकार की ओर से विस्तारीकरण को लेकर अंतिम फैसला लिया जाएगा।