पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने Tricity Metro Project के डिपो के लिए न्यू चंडीगढ़ (Chandigarh Metro Project ) में प्रस्तावित 21 एकड़ जमीन देने से इन्कार कर दिया है। इससे मामला लटक गया है। पहले भी पंजाब सरकार की ओर से जमीन को लेकर आनाकानी की जाती रही है।
केंद्र सरकार के साथ आप की तकरार और अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी भी इस प्रोजेक्ट की लेटलतीफी की वजह बताई जा रही है। फिलहाल डिपो के लिए जमीन नहीं मिलने से मेट्रो परियोजना की डीपीआर का काम अटक गया है। मार्च तक इस प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार होनी थी। चंडीगढ़ प्रशासन के बार-बार रिमाइंडर भेजने के बाद भी पंजाब सरकार की तरफ से मेट्रो डिपो के लिए न्यू चंडीगढ़ में 21 एकड़ जमीन नहीं दी गई। इस कारण अब इस प्रोजेक्ट में देरी होना तय है।
पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने Tricity Metro Project के डिपो के लिए न्यू चंडीगढ़ में प्रस्तावित 21 एकड़ जमीन देने से इन्कार कर दिया है। इससे मामला लटक गया है। पहले भी पंजाब सरकार की ओर से जमीन को लेकर आनाकानी की जाती रही है। केंद्र सरकार के साथ आप की तकरार और अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी भी इस प्रोजेक्ट की लेटलतीफी की वजह बताई जा रही है।
फिलहाल डिपो के लिए जमीन नहीं मिलने से मेट्रो परियोजना की डीपीआर का काम अटक गया है। मार्च तक इस प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार होनी थी। चंडीगढ़ प्रशासन के बार-बार रिमाइंडर भेजने के बाद भी पंजाब सरकार की तरफ से मेट्रो डिपो के लिए न्यू चंडीगढ़ में 21 एकड़ जमीन नहीं दी गई। इस कारण अब इस प्रोजेक्ट में देरी होना तय है।
नई दिल्ली में बीते 15 जनवरी को केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय ने यूटी प्रशासन के अधिकारियों की बैठक में ट्राइसिटी में पहले चरण में टू कोच मेट्रो चलाने का सुझाव दिया था। चंडीगढ़ को विरासती दर्जा प्राप्त होने के कारण मेट्रो ट्रैक अंडरग्राउंड बनाने पर भी मंत्रालय ने सवाल उठाया है और चंडीगढ़ प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है।
Chandigarh Metro Project
चंडीगढ़ में मेट्रो लगाने के लिए 2008 में प्लानिंग शुरू की गई थी लेकिन बीच में यह परियोजना काफी समय तक ठंडे बस्ते में पड़ी रही। अब 16 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद मार्च-अप्रैल 2023 में फिर से मेट्रो चलाने को लेकर यूटी प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित की अगुवाई में काम शुरू हुआ है। करीब एक वर्ष तक इसमें तेजी से काम किया गया। बीते तीन-चार महीने से जमीन न मिलने के कारण फिर से यह प्रोजेक्ट लटक गया है। राइट्स की ओर से इस परियोजना के कार्यान्वयन को लेकर कई बार प्रस्तुतिकरण दिया जा चुका है।