शिमला-बिलासपुर फोरलेन (bilaspur shalaghat four lane) बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। फोरलेन के लिए अर्की क्षेत्र में ही 11,000 पेड़ काटे जाएंगे। इनमें 3,000 हजार पेड़ फलदार हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और वन विभाग ने इनकी गणना पूरी कर ली है। जल्द ही इन पेड़ों को काटने के लिए टेंडर अलॉट किए जाएंगे। पेड़ों के कटने के साथ ही फोरलेन निर्माण का कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा। अर्की के शालाघाट से बिलासपुर के नौणी के बीच पहले चरण में काम शुरू होगा।
फोरलेन संबंधित सभी कार्य को पूरा करने में तेजी लाई जा रही है। अर्की क्षेत्र में फोरलेन की जद में करीब 11,000 पेड़ जाएंगे। जल्द ही उन्हें काटने का कार्य शुरू होगा। वहीं प्रभावितों को मुआवजा देने की भी तैयारी की जा रही है। जल्द ही प्रभावितों को मुआवजा राशि देने का कार्य पूरा कर लिया जाएगा
शालाघाट से नौणी ( bilaspur shalaghat four lane )तक यह फोरलेन करीब 27.500 किलोमीटर होगा। इसमें 18.500 किलोमीटर सोलन, जबकि नौ किलोमीटर का क्षेत्र बिलासपुर जिला में आएगा। अर्की क्षेत्र की 44 हेक्टेयर भूमि इसकी जद में आएगी, जिसमें 43 हेक्टेयर भूमि निजी और एक हेक्टेयर भूमि सरकारी है।
इस फोरलेन के बनने से शिमला से बिलासपुर ( shimla bilaspur fourlane )तक की करीब 25 किलोमीटर की दूरी कम हो जाएगी। सड़क मार्ग में दो सुरंगों का निर्माण प्रस्तावित है। पहली सुरंग शालाघाट के समीप सरी गांव से रेवटा तक, जबकि दूसरी धुंदन से नलाग तक बनाई जाएगी।