राकेश राणा .बंगाणा
हिमाचल प्रदेश के जिला ऊना की कुटलैहड़ विस क्षेत्र में श्री राम सेतू की निशानियां मिलने से हिमाचल ही नहीं बल्कि देश मे चर्चित हो रहा है। बता दे कि गोबिंद सागर झील के लाठियाणी- मंदली घाट पर थाना बंगाणा पुलिस को पौने तीन किलो की पत्थर की शिला पानी मे तैरती हुई मिली। और पुलिस जवानों ने उसे श्री राम सेतू की निशानी समझकर थाना बंगाणा परिसर में बने मन्दिर के अंदर बिधिबत पूजा अर्चना करके रख दिया। और दो दिनों बाद उपमण्डल बंगाणा के कोहडरा में एक ब्यक्ति को वैसी ही पत्थर की शिला पानी मे तैरती हुई मिली। और उक्त ब्यक्ति केशवानन्द ने उक्त शिला को बिधिबत घर लाकर पूजा अर्चना करके स्थापित कर दिया।
उक्त परिवार के मुखिया केशवानन्द के कहना है। कि पत्थर की शिला उस समय की है। जब त्रेता युग मे प्रभु श्री राम जी ने पंचबटी से श्री लंका कूच करने के लिए 700 किमी लंबे समुद्र पर सेतु बनाया था। उस समय से यह शिला कोहडरा में कैसे पहुंची। यह हमें ज्ञात नहीं। लेकिन अपनी दस पीढ़ियों की यादगार के लिए उक्त श्री राम जी की निशानी इस शिला का भव्य मंदिर बनाकर स्थापित किया जाएगा। बता दे कि उक्त पत्थर की शिला को देखने के लिए लोग दूर दूर से आ रहे है। और धार्मिक आस्था के साथ धूप और ज्योति प्रज्जलित करके भगवान श्री राम जी का सिमरन कर रहे है।
उपमण्डल बंगाणा की जनता ने कुटलैहड़ के बिधायक देबेन्द्र कुमार भुटटो से आग्रह किया है। कि कुटलैहड़ विस क्षेत्र अब छोटा अयोध्या बनने जा रहा है। और त्रेतायुग में प्रभु श्री राम जी द्वारा छोड़ी गई निशानियां मिल रही है। जनता की आवाज है। कि अगर लाठियाणी के गोबिंद सागर झील के घाट के साथ अगर प्रभु श्री राम जी के मन्दिर का निर्माण हो जाये। और उक्त श्री राम जी की निशानियां और उक्त श्री राम जी की निशानियां उक्त मन्दिर में रख दी जाए। तो कुटलैहड़ विस क्षेत्र में सैलानियों की भरमार बढ़ेगी। और श्रद्धालु दूर दूर से देखने के लिए आएंगे। ऐसे में एक तो युबाओ को घर द्वार स्वरोजगार मिलेगा। और दूसरा कुटलैहड़ विस क्षेत्र अयोध्या की तरह पूरे देश मे बिकसित होगा। इसलिए कुटलैहड़ के लोकप्रिय बिधायक देबेन्द्र कुमार भुटटो से जनता ने आग्रह किया है। और जनता की धार्मिक श्रद्धा और भगवान के प्रति पवित्र भावना को देखते हुए घाट पर जल्द श्री राम जी के भव्य मन्दिर निर्माण करवाया जाए।