नालागढ //ऋषभ शर्मा
राजकीय सी॰ एवं वी॰ अध्यापक संघ हिमाचल प्रदेश के राज्य उपाध्यक्ष दीप राम चंदेल ने विद्यार्थियों के हितों की रक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार से मांग की है कि प्रदेश के विद्यालयों में कला अध्यापकों और शारीरिक अध्यापकों के रिक्त पड़े पदों को शीघ्रातिशीघ्र भरा जाए।
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ताकि इन विषयों को पढ़ने वाले विद्यार्थियों को नुकसान ना उठाना पड़े। कला विषय को कक्षा छठी से दसवीं तक किसी अन्य विषय के साथ वैकल्पिक रूप से ना जोड़कर अनिवार्य किया जाए। क्योंकि कला एक ऐसा विषय है जिसके माध्यम से कक्षा में अन्य विषय को प्रभावशाली और रोचक बनाने में काफी सहायता मिलती है। जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में भी काफी सुधार आता है। लेकिन यह तभी संभव है जब विद्यालयों में शिक्षक होंगे अगर शिक्षक ही नहीं होंगे तो सुधार कैसे होगा। साथ में उन्होंने कहा कि उक्त विषय को +2 तक ललित कला विषय के रूप में संचालित किया जाए ताकि बच्चे आगे जाकर इस क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर ढूंढ सके। और इस विषय को पढ़ाने के लिए कला अध्यापकों को ही वरीयता के आधार पर पदोन्नत किया जाए। संघ के समस्त कार्यकारिणी सदस्यों तथा सभी जिलों के अध्यक्षों ने संयुक्त रूप से कहा कि कला विषय को अनिवार्य करने से अन्य विषय को पढ़ाने में काफी सहायता मिलेगी।