हिमाचल प्रदेश//ब्यूरो
हिमाचल प्रदेश में उत्पन्न राजनीतिक संकट को देखकर ओपीएस खतरे में दिख रही है जिसे सरकारी कर्मचारियों के कठिन प्रयास से कांग्रेस सरकार ने बहाल किया है I डॉ अनिल स्वदेशी ने हिमाचल में पुरानी पेंशन बहाल करवाने में अहम योगदान दिया है I अब पुरानी पेंशन की राह को खतरे में देखकर डॉक्टर अनिल स्वदेशी कांग्रेस की ओर से सुजानपुर से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं I
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इस बारे में श्री राहुल गांधी जी से बात चल रही है और डॉक्टर अनिल स्वदेशी जल्दी ही राहुल गांधी जी से मुलाकात कर सकते हैं I इस बारे में उन्होंने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जी से भी टिकट की मांग की है I उल्लेखनीय है कि डॉ अनिल स्वदेशी के शैक्षणिक सफर की शुरुआत गवर्नमेंट हाई स्कूल चबूतरा, हमीरपुर से हुई। इसके बाद उन्होंने गवर्नमेंट वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, हमीरपुर से बारहवीं तक की शिक्षा प्राप्त की। गवर्मेन्ट कॉलेज, हमीरपुर से उन्होंने बीएससी की डिग्री प्राप्त की। तत्पश्चात उन्होंने अपनी शैक्षणिक पढ़ाई को आगे बढ़ाते हुए नालंदा कॉलेज ऑफ एजुकेशन, हमीरपुर से बीएड और अंग्रेजी और भाषाविज्ञान में मास्टर्स डिग्री को एनएससीबीएम गवर्मेंट पीजी कॉलेज, हमीरपुर और दिल्ली विश्वविद्यालय से पूर्ण किया। उन्होंने अपनी शैक्षणिक पढ़ाई को आगे बढ़ाते हुए अंग्रेजी में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला से पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। डॉ अनिल स्वदेशी पिछले 20 वर्षों से दिल्ली यूनिवर्सिटी में इंग्लिश पढ़ा रहे हैं। इससे पहले 2006 में वह गवर्नमेंट कॉलेज सेक्टर 11 चंडीगढ़ में भी असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्य कर चुके हैं I इसके अतिरिक्त, उन्होंने दो महत्वपूर्ण पुस्तकें लिखी हैं: “कांगड़ी का व्याकरण” और “कांगड़ी प्रेमगीतों में विषय,” जो हिमाचली संस्कृति के संरक्षण और समझ में सहायक हैं। इसके साथ ही उन्होंने “हिमाचल प्रदेश में बुनकर कविता” और “हिमाचल प्रदेश में अंग्रेजी भाषा शिक्षण” पर रीसर्च प्रोजेक्ट किए हैं I उन्होंने बताया कि वे पुरानी पेंशन बहाली के लिए पूरे देश में जागरूकता पैदा कर रहे हैं और पुरानी पेंशन बहाली के लिए वह अपना संघर्ष लगातार जारी रखेंगे I गौरतलब है कि वह राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय सलाहकार हैं I उन्होंने आगे बताया कि फिलहाल यदि कांग्रेस की टिकट उन्हें मिलती है तो वह इलेक्शन में उतरेंगे लेकिन अगर कांग्रेस की तरफ से उन्हें टिकट ऑफर नहीं की जाती है तो वह आजाद उम्मीदवार के रूप में भी पुरानी पेंशन बहाली की मांग को बुलंद करने के लिए चुनावी मैदान में उतर सकते हैं I