राकेश राणा //बंगाणा
जिला ऊना उपमण्डल बंगाणा की गोबिंद सागर झील में बुधवार देर शाम को को मत्स्य विभाग द्वारा झील में मछली ब्रीड डाला गया। हिमाचल प्रदेश हैड क्वार्टर मुख्यालय बिलासपुर की उपनिदेशक चैंचल ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि यह ब्रीड कलकत्ता के बैस्ट बंगाल के मंगवाया गया है और हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग स्थानों पर डाला जा रहा है बहीं पर बुधवार शाम को लठियाणी घाट पर कोमन कार्प 84हजार800 नं ,कतला 96हजार782नं, सिल्वर कार्प एक लाख 35 हजार864 नं मछली ब्रीड झील के लठियाणी घाट में डाला गया।
चैंचल ठाकुर ने कहा कि हिमाचल के विभिन्न जिलों में आई बाढ़ की स्थिति से गोबिंद सागर झील में पानी की मात्रा ज्यादा हो गई। और अगर उस समय मत्स्य ब्रीड डाल दिया जाता। तो एमरजेंसी में भाखड़ा बांध के मुख्य गेट पानी छोड़ने पर खोले जाते। और पानी के तेज बहाव से सारा मत्स्य ब्रीड पानी के तेज बहाव में बह जाता। इसलिए जब तक पानी का बहाव कम नहीं हो जाता। उसके इंतज़ार में देरी हुई है। अब झील में मत्स्य के कई प्रकार के ब्रीड डाले गए है।
इस समय पानी की मात्रा ब्रीड डालने के लिए सुचारू है। इस समय न ज्यादा गर्मी और न ही ज्यादा सर्दी है। बड़ी मछलियां ज्यादा गहरे पानी मे चली गई है। इसलिए बर्तमान समय में डाला गया मत्स्य ब्रीड पूरी तरह सुरक्षित भी रहेगा। इसका मुख्य कारण बीते वर्ष मत्स्य का अच्छा ब्रीड ओर समय पर झील में डाला गया है। उसी की बदौलत मछुआरों को ज्यादा फायदा हुआ है। गौर रहे गोबिंद सागर झील से करीव दस हजार मछुआरे जुड़े है। जो केवल झील से मछली पकड़कर घर का खर्च चलाते है। अगर गोबिंद सागर झील में मत्स्य का अच्छा ब्रीड डाल दिया जाए। तो मछुआरों को फायदा होता है।
इस मौके पर मत्स्य पालन अधिकारी सुरेन्द्र पटियाल, मत्स्य पालन विभाग मंदली सुरम सिंह, लठियाणी पंचायत प्रधान जोगिंद्र शर्मा सदस्य राकेश कुमार सहित अन्य लोग भी उपस्थित रहे।