उक्त ठेकेदार का डिपो सीज,46 मोच्छे फारेस्ट के कब्जे में, तहसीलदार करेंगे निशानदेही
दर्जनों मामले अवैध कटान के दर्ज होने के बाद आखिर क्यों नहीं होती जांच,चिंता का विषय
राकेश राणा// बंगाणा
उपमण्डल बंगाणा में हुए अवैध कटान पर वन विभाग ने उक्त ठेकेदार का डिपो सीज कर दिया है। और सोमवार को निशानदेही होने जा रही है। निशानदेही के बाद पता चलेगा। कि किस भूमि से अवैध कटान हुआ है। वन विभाग की माने तो अगर सरकारी भूमि से अबैध कटान किया गया है। तो उक्त ठेकेदार का लाइसेंस रद्द ओर पूरा खैर का माल जब्त होगा। और अगर शामलात देह से अवैध कटान किया होगा। तो वन विभाग के अलग एक्ट के तहत कार्यवाई होगी। ठेकेदार किसानों की शामलात भूमि से कटान कर सकता है। लेकिन उसकी परमीशन एसडीएम से लेनी पड़ती है। और अगर ठेकेदार के पास एसडीएम के द्वारा खैर कटान की परमिशन नहीं है। तो कोई भी ठेकेदार अगर शामलात देह से कटान करता है। तो उसे अवैध कटान का नाम दिया जाता है।
बताते चले कि उपमण्डल बंगाणा में ज्यादा तर सरकारी भूमि पड़ती है। और ठेकेदार सरकारी भूमि से अवैध कटान को अंजाम देते है। गौर रहे किसानों की गुप्त सूचनाओं पर वन विभाग बन काटूओ को पकड़ता जरूर है। लेकिन आगे कार्यवाई न के बराबर होती है। और जनता की नजरों के वन विभाग पर प्रश्नचिन्ह लग जाता है। अवैध कटान मीडिया में सुर्खियां बनने पर हिमाचल पंजाव सीमा पर दर्जनों ट्रक खैर या फिर बालन के बिना परमिट पकड़े गए है। अव प्रश्न यह है। कि क्या वन विभाग को यह पता नहीं कि कहां पर अवैध कटान होकर ट्रकों में यह माल जा रहा है। अगर बेरियर पर अवैध कटान के दर्जनो ट्रक पकड़े जा रहे है। तो फील्ड में क्यों वन अधिकारी कार्यवाई नहीं कर रहे है।। और दर्जनों मामले थाना पँहुँचे है।