Monday, May 13, 2024
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Daulatpur Talwara railway line : रेललाइन के रास्ते में आने वाली भूमि की खरीद-फरोख्त पर लगी रोक

ऊना/ब्यूरो

नंगल-तलवाड़ा रेललाइन के निर्माण में दौलतपुर चौक से मरवाड़ी तक भू-अधिग्रहण के रास्ते में आई बाधा से पार पाने के लिए अब प्रदेश सरकार ने सख्त कदम उठाया है। रेललाइन के निर्माण के लिए आने वाली भूमि के मालिकों द्वारा मांगे गए मुआवजे को ज्यादा बताते हुए प्रदेश सरकार ने अब अनिवार्य अधिग्रहण की प्रक्रिया को शुरू करते हुए रेललाइन के रास्ते में आने वाली भूमि की खरीद-फरोख्त पर पूर्णतया रोक लगा दी है।

अब प्रदेश सरकार इस जमीन का अनिवार्य अधिग्रहण कर इसे रेलवे विभाग के नाम ट्रांसफर करने की प्रक्रिया शुरू करेगी। पिछले लंबे समय से निर्माणाधीन नंगल-तलवाड़ा ब्राडगेज रेललाइन चार दशकों के भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी तलवाड़ा तक नहीं पहुंच पाई है। हालांकि भारतीय रेल दौलतपुर चौक तक तो पहुंच गई है, लेकिन इसके आगे रेललाइन के निर्माण के लिए भूमि का अधिग्रहण ही नहीं हो पाया है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने प्रयास तो किए, लेकिन भू-मालिकों द्वारा सरकार द्वारा तय रेट पर भूमि देने से इनकार करने के साथ भूमि के मौजूदा सर्किल रेट से कहीं अधिक पैसे की मांग कर लेने पर भू-अधिग्रहण का कार्य लटक गया और भारतीय रेलवे दौलतपुर चौक के आगे एक इंच तक भी रेललाइन का निर्माण नहीं कर पाया।

Daulatpur Talwara railway line

दौलतपुर चौक से लेकर मरवाड़ी तक हिमाचल प्रदेश में आने वाले एरिया से रेललाइन निकालने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा ही इस भूमि का अधिग्रहण कर इसे रेलवे विभाग को सौंपा जाना है। लाख कोशिशों के बाद भी जब बात सिरे नहीं चढ़ी, तो प्रदेश सरकार ने अब अनिवार्य अधिग्रहण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए दौलतपुर चौक से लेकर मरवाड़ी तक रेललाइन के लिए हुए सर्वे के तहत आने वाली भूमि की खरीद-फरोख्त पर पूर्णतया रोक लगा दी है। इस भूमि के अधिग्रहण के बाद ही तलवाड़ा तक रेलगाड़ी पहुंचाने के लिए रेललाइन बिछाने का काम शुरू हो पाएगा। उधर, मुकेरियां से तलवाड़ा तक रेललाइन का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। इस रेललाइन के मुकेरियां तक लिंक हो जाने के बाद जम्मू के लिए इस रूट से भी रेलगाडिय़ां चल पाएंगी। एसडीएम सौमिल गौतम ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि अनिवार्य अधिग्रहण की प्रक्रिया के तहत प्रदेश सरकार ने दौलतपुर चौक से लेकर मरवाड़ी तक रेलवे सर्वेक्षण के अंतर्गत आने वाली भूमि की खरीद-फरोख्त पर पूर्णतया रोक लगा दी है। (एचडीएम)

अनिवार्य अधिग्रहण में भू-मालिक की सहमति जरूरी नहीं

जब किसी विकास योजना के लिए भूमि की जरूरत होने पर भू-मालिक जमीन देने को सहमत न हीे, तो सरकार अनिवार्य अधिग्रहण के तहत उस भूमि को अपने कब्जे में ले लेती है। इसमें सरकार द्वारा तय मुआवजा ही भू-मालिकों को दिया जाता है। इस तरह से अधिग्रहण भू-मालिकों की मर्जी के बिना भी किया जा सकता है।

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