मौसम का मिज़ाज किसान और बागबानों ने ली राहत की सांस
स्वतंत्र हिमाचल
(सैंज) प्रेम सागर चौधरी
पिछले 24 घण्टों से बारिश -बर्फ़बारी के कारण में जन-जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। हिमाचल की ऊंची चोटियां ताजा बर्फबारी ने एक बार फ़िर दस्तक दे दी हैं । आज सुबह से ही सम्पूर्ण सैंज घाटी के क्षेत्र में बर्फ़बारी होने से इलाके में सफेद चादर सी फेर दी है । सैंज घाटी के आसपास की ऊंची चोटियों पर वर्फ़ का नजारा मनमोहक हो गया है। हिमपात होने के बाद हिमाचल प्रदेश का ऊपरी क्षेत्र कड़ाके की ठंड की चपेट में आ गए हैं , ताजा वर्फवारी के कारण शिमला, कुल्लु मनाली के पर्यटन स्थलों पर वर्फ़ का नजारा देखने के लिए हिमाचल प्रदेश पहुंचे रहे है। सैलानी प्राकृतिक सुंदरता का भरपूर लुत्फ उठाने के लिए बर्फीले इलाके में आना पसन्द करेगे। कुल्लू जिले के जलोड़ी दर्रे में भी बुधवार दोपहर से ताज़ा बर्फ़बारी होने से तापमान में भी गिरावट आ गई है ।
ताज़ा वर्फवारी के बाद जलोड़ी दर्रे यातायात के लिए एक बार फिर से बन्द हो गया। अभी तक ताज़ा जानकारी के अनुसार लगभग एक से डेढ़ फुट हुई है। ताजा बर्फ़बारी के चलते एनएच-305 जलोड़ी जोत से वाहनों की आवाजाही के लिए बन्द हो गया है। इस बार जनवरी में बर्फ़बारी नही हुई है। अव एनएच प्राधिकरण को यातायात बहाली के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। बारिश व बर्फबारी होने से किसानों व बागबानों के चेहरे जरूर खिल गए हैं। किसान व बागबान बर्फबारी व बारिश को फसलों व सेब के लिए संजीवनी मान रहे हैं। बागबानी विशेषज्ञों की मानें तो बर्फ पड़ने से सेब की अच्छी फसल और पौधों में लग रहे कीट व बीमारियां नष्ट के लिए लाभदायक सिद्ध होती है। किसानों और बागबानों के सभी ठप पड़े काम मे अब तेजी आएगी। सेव के लिए यह वर्फवारी लाभदायक सिद्ध होगी ।