राकेश राणा//बंगाणा
कुटलैहड़ विस क्षेत्र में अवैध कटान पिछले कई वर्षों से हो रहा है। और एक बक्त ऐसा भी आएगा। कि कुटलैहड़ विस क्षेत्र की धरती पर न तो खैर के पेड़ होंगे। और न ही आम के पेड़ बचेंगे। ज्ञात रहे जब कुटलैहड़ विस क्षेत्र की रियासत स्व राजा महिंद्र पाल के पास सत्ता थी। तो सरकारी जंगलों में कहावत हुआ करती थी कि जंगलों में अवैध कटान तो दूर की बात है पँच्छी पैर नहीं मार सकता था। और सरकारी जंगलों की रखवाली के लिए स्व राजा महिंद्र पाल ने ऐसा सूचना तंत्र रखा था। कि कुटलैहड़ के हर सरकारी जंगल किसानों की मलकीयत भूमि से ज्यादा सुंदर सुरक्षित थे। लेकिन 1992 में जब देश मे राजाओं का राज खत्म हुआ।
उसके बाद कुछ वर्षों तक कुटलैहड़ के जंगल सुरक्षित रहे। उसका मूलतः कारण सरकार द्वारा ग्रीन फेलिग बन्द होना था। लेकिन 1998 में जब ठेकेदारों द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर करने पर प्रतिन्ध हटा। उसके बाद कुटलैहड़ में हालात ऐसे हो गए। कि कुटलैहड़ विस क्षेत्र के हर सरकारी जंगल पर बिना रोक टोक से अवैध कटान हो रहा है। हालात ऐसे हो गए है। कि विभाग के नाक तले से माफिया के लोग अवैध कटान कर रहे है। कुटलैहड़ विस क्षेत्र के रामगढ़ धार के तहत पडते बौल,पनेड ककराणा मोक्ष धाम, ध्यूसंर के जंगलों सहित अन्य स्थानों पर खैर के पेड़ों पर जहाँ कुल्हाड़ी चली है। वहां से कुछ मीटर की दूरी पर डिप्टी रेंजर ओर फारेस्ट गार्ड के कार्यलय है। क्या उन्हें पता नहीं कि यहां अवैध रूप से कटान हो रहा है।
बात करें ध्यूसंर के जंगलों में दो माह के लगभग एक दर्जन हरे खैर के पेड़ काटे गए, उसके बाद पनेड के जंगलों में अवैध कटान,उसके बाद एक सप्ताह पहले ककराणा मोक्ष धाम के नजदीक ार दर्जन के करीब माफिया के लोगों ने हरे खैरों को काट दिया।जिसकी स्थानीय लोगों में राजेन्द्र कुमार पुत्र सालीगराम, जगदीश ठाकुर पुत्र सरवण सिंह, जोगिंद्र सिंह पुत्र संत राम,मदन लाल पुत्र भक्त राम,जय सिंह पुत्र धनी राम गांव ककराणा निवासियों ने वन विभाग सहित 1100नं पर शिकायत दर्ज करवाई थी। परन्तु इन लोगों को आज दिन तक आश्वासन ही मिल रहा है। इन लोगों का कहना है कि वन विभाग के कर्मचारियों तथा अधिकारियों ने कहा था कि जल्द ही डिमारकेशन करवा देने जिससे यह पता चल जाएगा कि जमीन वन विभाग की है या सरकारी। परन्तु अवैध कटान किसने किया किसके इशारे से अवैध कटान हुआ ग्रामीणों को आज दिन तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई।
जिला ऊना वन विभाग के डीएफओ सुशील राणा का कहना है कि जिला ऊना में किसी भी प्रकार का अवैध कटान नहीं होगा वरदाशत,बहीं पर मामला उनके ध्यान में आया है जल्द ही इसकी जांच करवाई जाएगी।जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी।