बसों और स्टाफ़ की कमी के कारण सरकाघाट डिपो हुआ बदहाल
बीच रास्ते में ब्रेक ड़ाऊन हो रहीं बसें
सरकाघाट(रितेश चौहान)
सरकाघाट बस डिपो से 70 बसें और 121 चालक परिचालक कर्मचारी और मैकेनिक व फ़ील्ड स्टाफ़ जलशक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह द्वारा अपने विधानसभा धर्मपुर में खोले गए एचआरटीसी बस डिपो में ले जाने के कारण पहले से ही परिवहन निगम की बस सेवाओं की कमी से जूझ रही क्षेत्र की जनता के ज़ख़्म अभी भरे भी नहीं थे की अब विभिन्न रूटों पर आए दिन निगम की बसें हाँफ जाने से जनता के खुले ज़ख्मों पर नमक छिड़कने का काम किया जा रहा है l हालत यहाँ तक पहुँच गई है कि बसों को जुगाड़ तकनीक से ठीक करके रूट पर रवाना किया जा रहा है तो कई बार चालक परीक्षण वाहन तक को रूटोंपर चलाया जा रहा है l बसे बीच रास्ते में ख़राब होकर निगम की दशा ब्यान कर रही है l वीरवार को सरकाघाट बस डिपो कि बस सुबह उस समय खराब हो गई जब वह सरकाघाट से कलेहडी वाया भद्रवाड़ वाले रुट पर निकली थी। जब बस कलेहडी पहूंची तो ख़राब हो गई जिससे सवारियों को अपने अपने गंतव्य पर पहुंचने में ना सिर्फ़ ऐन वक्त महँगे दामों में टैक्सियाँ करनी पड़ी बल्कि काफ़ी परेशानी भी झेलनी पड़ी। बावजूद इसके निगम द्वारा इसके बदले कोई दूसरी बस भी नहीं भेजी गई।
स्थानीय ग्रामीण सुनील शर्मा विनय राणा कुलदीप राव नवीन कुमार अभिषेक बिन्दू शर्मा कोमल चौहान आदि ने बताया कि कुछ दिन पहले गहरा के झीड गाँव में एचआरटीसी की बस गिरने से तीन लोगों की मौत होने की घटना सभी को याद होगी कि सरकाघाट में आए दिन सड़क के हादसे होना आम बात हो गई हैं l और बेचारी जनता अपनी अनमोल जिंदगियाँ विभाग की कमियों के कारण खो रहीं है। लोगों ने कहा की बात सिर्फ एक रूट की नहीं है अन्य दूसरे रूटों से भी लोगों की शिकायतें इसी तरह आती रहती हैं। सरकाघाट डिपो की बसें रूटों पर जाते वक्त बीच रास्ते में ही आए दिन हांफ रही हैं जिससे आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तथा विभाग इन सभी कमियों को नजरअंदाज करके मुक दर्शक बना है। कलेहडी निवासी संतोष कुमार, सुरेंद्र पाल शर्मा,नवीन, सचिन , आदि ने बताया कि विभाग को ऐसी बसों को रूट पर नहीं भेजना चाहिए तथा इससे भविष्य में होने वाले हादसे रोकें जा सकते हैं। उधर ,इस बारे में एचआरटीसी प्रबंधक नरेंद्र शर्मा छूटी पर होने के कारण बात नहीं हो सकी जबकि अड्डा प्रभारी नें कहा कि उनके पास दूसरी कोई बस मौजूद नहीं थी जिसे रूट पर दोबारा भेजा जाता l उन्होंने कहा कि बसें कम होने के कारण समस्या हो रही है l