(सरकाघाट )रंजना ठाकुर
बलद्वाडा क्षेत्र के गांव नरेला में स्थानीय निवासी आवारा पशुओं से परेशान है जहां दिन में यह पशु सड़क पर डेरा जमाए रखते हैं वहीं वाहन चालकों के लिए सिरदर्द बने रहते हैं और रात के समय गेहूं की फसल को चट कर जाते हैं गांव वालों ने अपने पैसे लगाकर बाढ़ की व्यवस्था की है उसे भी पार कर के खेतों में घुसकर बड़ा नुकसान करते हैं
इसी गांव की गांव की आवाज कमेटी के सदस्यों सेवानिवृत्त कैप्टन जगदीश वर्मा ,बलदेव सिंह बालक राम सीताराम ,राजू हरीमन, बीरी सिंह ,दारा सिंह आदि ने बताया कि बार-बार आवारा पशुओं के बारे में गांव निवासी व चुने हुए प्रतिनिधि लिखित में कभी तहसीलदार तो कभी एसडीएम तो कभी डीसी कार्यालय में शिकायत पत्र देते आ रहे हैं लेकिन किसी के कान पर जूं तक नहीं रेगती है और समस्या का कोई भी समाधान 10 15 बरसों से नहीं हो रहा है किसान नुकसान झेलते जा रहे हैं
आवारा पशुओं की रोकथाम ना होना स्थानीय प्रशासन व जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि चाहे वह किसी भी पार्टी के हो उनकी असफलता का एक जीता जागता उदाहरण है आवारा पशुओं के ऊपर रोकथाम की बजाय उनकी संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है गांव के लोग प्रतिनिधियों को चुनकर आगे भेजते हैं पर जब काम नहीं होता है तो वह ठगा सा अपने को महसूस करते हैं कैप्टन वर्मा ने बताया कि वह अपनी कमेटी की तरफ से कार्यालय जिलाधीश मंडी में आरटीआई दायर करके पूछेंगे कि पिछले 10 वर्षों से आवारा पशुओं की रोकथाम के लिए क्या क्या कदम उठाए गए हैं