पराशर दुनिया भर में प्रसिद्ध है लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए सड़कों की हालत दयनीय
यात्रा का खराब अनुभव लेकर लौट रहे हैं पर्यटक

स्वतंत्र हिमाचल
(मंडी)टेकचंद ठाकुर
ज़िला मण्डी में सेगली गाँव के पास पराशर झील स्थापित है,जहां पर महाऋषि पराशर ने त्रेता युग में हज़ारों वर्ष तक घोर तपस्या की थी व अपने तप से झील का निर्माण किया था व झील के पास ही एक प्राचीन पगोडा शैली में निर्मित भव्य मंदिर है जहां पर ऋषि पराशर जी की प्रतिमा विराजमान है ऐसी मान्यता है के जो भी सच्चे दिल से कुछ माँगता है तो उस की मुराद पूरी होती हैं । यह स्थान बहुत ऊँचाई पर है । जहां देश विदेश के पर्यटकों का प्रतिदिन आना जाना लगा रहता है ।
सोलन जिला के तहसील अर्की से संबंध रखने वाले प्रमुख समाज सेवक आर पी जोशी ने पराशर झील की अपनी यात्रा का अनुभव स्वतंत्र हिमाचल से साझा किया जिसमें उन्होंने बताया कि पराशर झील तक की सड़क अत्यधिक ख़राब है दो तीन किलोमीटर सड़क को छोड़कर पूरी सड़क ख़राब है व ऊबड़ खाबड़ है कोई भी पेरा फ़ीट तक नहीं है जिस कारण सड़क असुरक्षित है व गाड़ी चलाते हुए रूह काँप जाती है कहीं इस ऊबड़ खाबड़ सड़क के कारण गाड़ी ख़राब हो जाये तो दुसरा कोई विकल्प नहीं है न ही कोई होटल इत्यादि है ना खाने की कोई व्यवस्था है ।
रास्ते में जो छोटे छोटे होटल है वहा पर खाने की सुविधा ना के बराबर है । पराशर झील के पास कोई भी गाड़ीयो को पार्क करने की व्यवस्था नहीं है । ज़मीन काफ़ी अधिक है जहां पर पार्किंग बनाई जा सकती हैं । सरकार द्वारा एक रेस्ट हाउस बनाया गया है ,पर वहा पर भी कोई सुविधा नहीं है । झील के आस पास काफ़ी अधिक घास था ,जिसकी सफ़ाई की कोई व्यवस्था नहीं है । झील के पास ही ग्राम पंचायत सेगली का शौचालय है जहां पर पानी नहीं था ,व दुर्गन्ध ही दुर्गन्ध थी। सरकार बड़े बड़े दावे करती हैं कि सड़कों की मरम्मत पर लाखों रुपये खर्च किए गए हैं पर ज़मीनी हकीकत कुछ और ही है।
सरकार दिन प्रतिदिन पर्यटन को बढ़ावा देने की बात करतीं हैं जब सडके ही नहीं होंगी तो पर्यटक कैसे आयेंगे । सरकार को व स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी को चाहिए की वह इस ओर ध्यान दे व पर्यटक स्थलों की ओर जाने वाली सड़कों के रख रखाव की ओर विशेष ध्यान दे ताकि पर्यटक आकर्षित हो सके इससे स्थानीय लोगों को रोज़गार भी मिलेगा और प्रदेश की आय में भी बढ़ोतरी होगी ।