मनरेगा व निर्माण मजदूरों की चांदी
श्रमिक कल्याण बोर्ड ने तीन गुणा बढ़ाई छात्रवृति की राशी
धर्मपुर में यूनियन के माध्यम से पंजीकृत दस हजार मजदूरों को मिलेगा लाभ : भूपेंद्र
(सरकाघाट)रितेश चौहान
मनरेगा औऱ निर्माण मजदूरों के बच्चों को पढ़ाई के लिए मिलने वाली शिक्षण छात्रवृत्ति में इस वर्ष से तीन गुणा बृद्धि की है।जिसके चलते अब पहली से आठवीं कक्षा तक पढ़ने वाले लड़के व लड़की को 8400 रु वार्षिक सहायता राशी मिलेगी।नॉवीं से दस जमा कक्षा तक पढ़ने वाले बच्चों को 12 हज़ार रुपये वार्षिक तथा बी ए/बी एस सी/बी काम या इसके समकक्ष शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों को 36 हज़ार रुपये मिलेंगे।स्नातकोत्तर डिग्री करने वालों को 60 हज़ार रुपये वार्षिक तथा एक या दो साल का डिप्लोमा कोर्स करने वाले बच्चों को 48 हज़ार रुपये तथा पोलिटेकनिक करने वाले बच्चों को 60 हज़ार रुपये वार्षिक सहायता राशी मिलेगी।इंजीनियरिंग, एमबीबीएस औऱ पी एच डी तथा रिसर्च करने वाले विद्यार्थियों को एक लाख बीस हजार रुपये वार्षिक सहायता राशी मिलेगी।इसके अलावा होस्टल में रहने वाले बच्चों को 15 से बीस हजार रुपये वार्षिक इसके अलावा सहायता मिलेगी।
मनरेगा व निर्माण मज़दूर फेडरेशन के राज्य महासचिव तथा पूर्व ज़िला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि उनकी यूनियन ने धर्मपुर विकास खण्ड में दस हजार मजदूरों को पिछले सात सालों में बोर्ड का सदस्य बनाया है जिन्हें ये सहायता राशी प्राप्त होगी।उन्होंने बताया कि यूनियन ने वर्ष 2020 में जिन मज़दूरों ने यूनियन के माध्यम से आवेदन किया था उनकी छात्रवृति की राशी बोर्ड से स्वीकृत होना शुरू हो गई है जो लंबे समय राजनैतिक हस्तक्षेप के कारण रुकी हुई थी।यूनियन ने रुके हुए सभी लाभ जारी करने के लिए 2 दिसंबर को बोर्ड कार्यालय शिमला पर प्रदर्शन भी किया था।जिसके तहत डेढ़ सौ मजदूरों को बीस लाख रुपये स्वीकृत हो गए हैं औऱ मजदूरों को खातों के माध्य्म से मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड से 18 से 60 वर्ष आयु वर्ग का कोई महिला व पुरुष मनरेगा एवं निर्माण मज़दूर एक वर्ष में न्यून्तम नब्बे दिन साल में मज़दूरी करने के आधार पर सदस्य बन सकता है और पंजीकृत मज़दूर के दो बच्चों की पढ़ाई के लिए ये सहायता प्रदान की जा रही है।उन्होंने बताया कि असंगठित क्षेत्र में बेलदारी व मिस्त्री का काम करने वाले तथा मनरेगा मज़दूर बोर्ड का सदस्य बन सकते हैं।उन्होंने बताया उनकी यूनियन ने मजदूरों को बोर्ड के सभी लाभ दिलवाने के लिए पँचायत व क्षेत्रीय स्तर पर कार्यालय स्थापित किये हैं और अभी तक 15 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता राशी मजदूरों को प्राप्त हो चुकी है।