धर्मपुर में 18 में 10 डिस्पैंसरियों में तीन साल से नहीं मिल रहें हैं डॉक्टर
जनता के स्वास्थ्य के साथ हो रहा है खिलवाड़
माकपा ने की आर्युवैदिक डॉक्टरों के ख़ाली पद भरने की सरकार से माँग
(सरकाघाट)रितेश चौहान
धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली दस आर्युवैदिक डिस्पेंसरियों में पिछले लंबे समय से डॉक्टर न होने के कारण जनता को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।पूर्व ज़िला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह ने बताया कि आर्युवैदिक डिस्पेंसरी बरोटी, चम्बा नौन(कमलाह),गद्दीदार, जोगी खाहला, कुजाबलह,लोंगनी, सकलाना, सरी, सिद्धपुर और घरवासड़ा में पिछले तीन वर्षों से डॉक्टर नहीं हैं।भूपेंद्र सिंह ने बताया कि धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल 18 डिस्पेंसरियाँ हैं जिनमें से दस में डॉक्टर नहीं हैं।उन्होंने आरोप लगाया है कि यहाँ के विधायक व चार चार विभागों के मंत्री अपने विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में पूरी तरह विफ़ल साबित हो रहे हैं।उन्होंने कहा कि एक तरफ़ सरकार जनता को स्वाथ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की बड़ी बड़ी बातें करती हैं लेकिन वास्तव में जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो रही हैं।जिससे एक तरफ़ जहां स्वास्थ्य सुविधाओं से बंचित होना पड़ रहा है वहीं दूसरी तरफ प्रशिक्षित आर्युवैदिक डॉक्टरों को रोज़गार नहीं मिल रहा है।
भूपेंद्र सिंह ने बताया कि यही स्थिति एलोपेथी विभाग की है जिसमें सौ से ज्यादा पद रिक्त पड़े हैं और मरीजों को छोटी छोटी बीमारियों के ईलाज के लिए मंडी, हमीरपुर, टांडा और शिमला जाना पड़ता है या फ़िर नीजि अस्पतालों में महंगा ईलाज करवाना पड़ रहा है।उन्होंने यहां के विधायक व मंत्री को इसके लिए जिम्मेवार ठहराया है जो जनता को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध नहीं करवा पा रहे हैं।उन्होंने ये भी आरोप लगाया है मंत्री केवल ठेकेदारी के कार्यों को ही प्राथमिकता देते हैं लेकिन शिक्षा,स्वास्थ्य जैसे महकमों को कोई तरज़ीह नहीं देते हैं जिसके कारण यहां पर जनता को स्वास्थ्य सेवाओं से महरूम होना पड़ रहा है।उन्होंने मांग की है कि सभी ख़ाली पदों पर जल्दी डॉक्टरों की नियुक्ति की जाये।कहने के लिए भाजपा की वर्तमाम सरकार आर्युवेदा पद्धति को सुदृढ करने की बकालत करती है लेकिन असल में इन ख़ाली पदों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इनकी कथनी और करनी है बहुत ज्यादा अंतर है।