धाड़ता विकास मंच ने टिहरा को पूर्ण तहसील बनाने के लिये दिया धरना
राजस्व मंत्री से वादा पूरा करने को दिया एक माह का अल्टीमेटम
(सरकाघाट)रितेश चौहान
धर्मपुर उपमंडल की टिहरा उपतहसील को पूर्ण तहसील का दर्जा देने की मांग को लेकर आज टिहरा बस स्टैंड पर धरने का आयोजन किया गया। जिसका नेतृत्व मंच के सयोंजक व अंतराष्ट्रीय एथेलिटिक्स कोच भूपिंदर सिंह, सह सयोंजक अशवनी राणा, पूर्व ज़िला पार्षद भूपेंद्र सिंह, किसान सभा के अध्यक्ष रणराज राणा, मनरेगा मजदूर यूनियन के खण्ड अध्यक्ष करतार सिंह चौहान, कोट पँचायत के उप प्रधान शांति स्वरूप,रामचन्द ठाकुर,ज्ञान चन्द, मोहन लाल, मिलाप चन्देल, सूरत सिंह, मेहर सिंह पठानिया, रमेश धीमान इत्यादि ने किया।मंच के पदादिकरिओं ने बताया कि टिहरा उपतहसील के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत टिहरा,कोट, तनिहार,गरौडु-गद्दीदार, गरयोह, डरवाड़,घरवासड़ा,पिपली, सजाओपीपलु औऱ जोढंन टिहरा में पूर्ण तहसील बनाने और पंचायतें टिहरा उपतहसील के अंतर्गत आती हैं।इसे पूर्व तहसील बनाने बारे यहां के विधायक व मंत्री ने पिछले विधानसभा चुनावों बारे यहाँ की जनता से वादा किया था लेकिन सरकार के सवा चार साल पूरे होने पर भी वो वादा पूरा नहीं किया गया है।जिसके लिए राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह और मुख्यमंत्री को दस हजार हस्ताक्षरों सहित माँग पत्र 3 मार्च को एस डी एम के माध्य्म से भेजा जा चुका है औऱ 21 मार्च को टिहरा में प्रदर्शन आयोजित किया गया था जिसमें सैंकड़ों लोगों ने भाग लिया था और उस दिन भी मांगपत्र दिया गया था। लेक़िन अभी तक कोई कार्यवाई न होने के कारण आज टिहरा बस स्टैंड पर धरना दिया गया।
इस मौके पर पूर्व ज़िला पार्षद भूपेंद्र सिंह ने बताया कि वर्ष 2016 में भी इस मांग के लिए हुए 65 दिन की भूखहड़ताल और आमरण अनशन हो चुका है और पिछले विधानसभा चुनावों के समय जलशक्ति मंत्री ने उनकी सरकार बनते ही यहां तहसील बनाने का वादा किया था लेकिन अब वे उसे भूल गए हैं।इसलिए अब जब चुनावों को छह महीने का समय शेष है तो यहां की जनता तहसील की मांग को लेकर एकजुट हुई है।उन्होंने एक बार पुनः मांग की है।उन्होंने बताया कि अब टिहरा को तहसील बनाने की मांग को लेकर 10 अप्रैल से जनाधिकार यात्रा शुरू की जाएगी और एक माह में तहसील की घोषणा नहीं हुई तो मई के दूसरे सप्ताह में एस डी एम धर्मपुर कार्यालय के ऊपर प्रदर्शन किया जायेगा। मंच के सयोंजक भूपिंदर सिंह ने बताया कि यहां के विधायक ने इन ग्राम पंचायतों के विकास को नजरअंदाज किया है और धाड़ता को कोई प्राथमिकता नहीं दी और ये क्षेत्र राजनैतिक तौर पर उपेक्षित है।
यहाँ पर अभी तक भी ज़रूरी सुविधाएं उपलब् नहीं है।जिनमें टिहरा में पूर्ण तहसील और अस्पताल की दशा सुधारने के अलावा धाड़ता क्षेत्र में कॉलेज व तकनीकी शिक्षा संस्थान खोलने तथा आदर्श विद्यालय खोलने की मांग उठाई है।इसके अलावा में टिहरा में सामुदायिक भवन का निर्माण करने,टिहरा में राष्ट्रीयकृत बैकं की शाखा, गैस एजेंसी, मिल्ट्री केंटिन और पैट्रोल पंप खोलने,टिहरा में टैक्सी औऱ बस स्टैंड बनाने,टिहरा-कमलाह सड़क पर यातायात बहाल करने,टिहरा स्कूल के खेल मैदान का विस्तार करने,टिहरा से माता कंचनापुरी मंदिर घरवासडा के लिए वाया टिक्कर सड़क का निर्माण करने, टिहरा में कृषि प्रसार अधिकारी के ख़ाली पद पर जल्द नियुक्ती करने,टिहरा में बागवानी प्रसार अधिकारी का पद सृजित करने,
धाड़ता क्षेत्र के लिए सिंचाई योजना बनाने,सभी लिंक सड़को पर बसें चलाने तथा धर्मपुर,सरकाघाट तथा संधोल के लिए अतरिक्त बसें चलाने,संधोल से वाया टिहरा शिमला व चंडीगढ़ के डीलक्स व वोल्वो बसें चलाने
और सभी पंचायतों में बागवानी क्लस्टर तैयार करनेऔर उसके लिए पानी और मार्केटिंग सुविधा उपलब्ध करवाने की मांग उठाई है।