वाहन चालकों व किसानों के लिए सिरदर्द बने बेसहारा पशु
स्वतंत्र हिमाचल( धर्मपुर) डी आर कटवाल
बेशक सरकार हर मंच से बेसहारा पशुओं के लिए गौ सदनों में रखने की बात तो करती है पर जमीनी हकीकत कुछ और ही व्यां करती है । आलम यह है कि सड़कों के किनारे,बस अड्डों पर और बाजारों में बेसहारा पशुओं का जमावड़ा आम देखने को मिलता है । कोई भी इन पशुओं के स्थाई समस्या का हल नहीं कर पा रहा है ।आए दिन में पशुओं की आवाजाही निरंतर बढ़ती जा रही है । जिस कारण ये पशु वाहन चालकों के लिए सिर दर्द बने हैं वहीं पर हादसों को भी न्यौता दे रहे हैं । तो कभी स्वयं हादसे के शिकार हो रहे हैं ।

यदि धर्मपुर की बात करें तो यहां भी काफी तादाद में बेसहारा पशुओं का तांता लगा रहता है । बता दें कि आजकल किसानों की हरी-भरी फसल में प्रवेश कर पूरी तरह से तबाह कर रहे हैं । किसानों का कहना है कि इस बार समय समय पर बारीश के चलते गेहूं की बंपर पैदावार होने की उम्मीद पाले हैं ।पर बेसहारा पशुओं ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है । जिस कारण किसानों में भारी मायूसी छा गई है । उन का कहना है कि मंहगे दामों में बीज खरीद कर खेतों में अच्छी फसल लेने के लिए दिन रात खूब मेहनत की पर बेसहारा पशु दिन को फसल तबाह कर रहे हैं और रात के समय जंगली सूअर वहीं पर वनों के पास की खेती को नील गाएं तबाह कर रही हैं ।ऐसी स्थिति में सरकार व प्रशासन भी कारगर कदम नहीं उठा पा रहा है । जबकि सारी मार किसानों के ऊपर पड़ रही है ।अब बेचारा किसान करें तो क्या करें, ऊपर से मंहगाई की मार ।