बर्फबारी के साथ पांगणा में सेब के पौधों में फूलों की बहार

स्वतंत्र हिमाचल (चुराग) राज ठाकुर
हिमाचल प्रदेश में सेब बागबानी का शौक लगातार बढ़ता ही चला जा रहा है।हिमाचल प्रदेश में सेब बागबानी के लिए जहां जलवायु परिस्थितियाँ उपलब्ध हैं वहीं जलवायु की परिस्थितियों के आधार पर सेब की किस्में भी उपलब्ध हैं।न केवल ऊचाई वाले क्षेत्रो बल्कि कम ऊंचाई वाले व निचले क्षेत्रों मे भी सेब सफलता पूर्वक उगाया जा रहा है।बागबान डाक्टर जगदीश शर्मा का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में ही वर्ष लगभग 7-8 लाख सेब के पौधों का रोपण किया जा रहा है।पांगणा-करसोग क्षेत्र में सेब के पौधों पर आमतौर पर अप्रैल माह में फूल आते हैं।ये फूल लगातार तीन चरणों में खिलते हैं।

द्वितीय चरण में सर्वाधिक फूल आते हैं।जो बाद में धीरे-धीरे कम होते चले जाते हैं।लेकिन पी.जी.आई.चंडीगढ़ में पांगणा गांव के बालरोग चिकित्सा विशेषज्ञ डाक्टर जे.के.महाजन,हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम मे सेवारत टेकचंद महाजन व गंगेश महाजन की सेब वाटिका में सेब की एक किस्म ऐसी भी है जिसमें जनवरी-फरवरी महीने में ही फूलों की बहार आ गई है।इस विषय में जब हिमाचल प्रदेश बागबानी निदेशालय नवबहार शिमला स्थित बागबानी विशेषज्ञ डाक्टर शरद महाजन से बात की गई तो उनका कहना है कि अन्ना और डोरसेट गोल्डन गर्म इलाके में उगाये जाने वाली सेब की किस्मों में प्रमुख हैं । इनके फूल खिलने के लिए 100 से 200 शीत घंटों की आवश्यता होती है।दिसम्बर जनवरी में जैसे ही यह जरूरत पूरी हो जाती है, इसमें जनवरी-फरवरी में फूल खिल जातें है।जिन क्षेत्रों में ज्यादा ठंड नहीं पड़ती , वहां इनको दिसम्बर माह के शुरू में लगाया जा सकता है ।गर्म इलाकों में ये किस्में प्रचलित होती जा रही हैं । लेकिन यह भी सत्य है कि इन किस्मों को ठंडे इलाके में उगाये जाने वाले सेब की तरह लंबे समय तक भंडारित नहीं किया जा सकता है।अन्ना,डोरसेट के अतिरिक्त शंशा किस्म के सेब में फरवरी के पहले सप्ताह मे आए ये फूल पांगणा ही नहीं अपितु दूर-पार के सेब बागबानो के लिए भी आकर्षण का केन्द्र बन रहे हैं।बर्फबारी के बीच सेब के पौधों मे खिले फूलों के सौंदर्य को निहारते हुए डाक्टर हिमेन्द्रबाली’हिम”,व्यापार मंडल पांगणा के प्रधान सुमित गुप्ता और वैज्ञानिक विपुल शर्मा का कहना है कि जो लोग जीवन की आपाधापी में व्यस्त रहते हैं उनके लिए यह बेहद जरूरी है कि वे सेब बागो में खिले पुष्पों के सौंदर्य के मध्य अपना थोड़ा समय जरूर बिताएं।फूलों के सौंदर्य का आनंद लेने से जहाँ मानसिक तनाव कम होता है रक्तचाप ठीक रहेगा वहीं निरसता भी कम आएगी।हमारे शरीर को जिन पोषक तत्वों की जरूरत होती है उनमें से अधिकांश सेब से प्राप्त हो जाते हैं।स्वास्थ्य के लिए सेब को ही सबसे अच्छा माना गया है।सेब की ऐसी ही जल्दी खिलकर तैयार होने वाली किस्मों से लेकर सबसे देरी से तैयार होने वाली किस्मों को बागीचे मे रोककर पूरे साल सेब प्राप्त किया जा सकता है।