एक दशक में भी तैयार नहीं हुई 2 करोड़ की रैला उठाउ पेयजल योजना
विभाग की लापरवाही बनी योजना की राह का रोड़ा
(सैंज )प्रेम सागर चौधरी
सैंज घाटी की रैला पंचायत की उठाऊ पेयजल योजना पिछले लगभग दस सालो से कछुआ चाल चली है! तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी सरकार में रहे वन मंत्री खिमी राम शर्मा ने दो करोड़ से बनने बाली इस योजना की आधार शीला 12 दिसम्बर 2011 में रखी थी! तब से लेकर आज तक विभाग इस योजना को सिरे नही पहुँचा पाया है ! इस योजना को बीते 18 वर्षों से ग्रामीण पेयजल की बूंद बूंद के लिए मोहताज है ।सैंज उपतहसील की सबसे बड़ी पाँच हजार से अधिक आबादी बाली रैला पंचायत में पेयजल की समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है। लेकिन विभाग कुभकर्णी निद्रा में सोये हुए है। पेयजल समस्या से परेशा ग्रामीण हर वर्ष गर्मीयों में पानी की एक -एक बूॅंद के लिए तरसते है लेकिन विभाग की उपेक्षा के आगे उनकी तड़फ बौनी सावित हो रही हैं।
पार्वती परियोजना निर्माण के बाद विकराल होती रही समस्या
उल्लेखनीय है कि रैला पंचायत में वर्ष 2000 में पार्वती परियोजना का निर्माण कार्य शुरू के चलते टनल,पावर हाउस व सड़क निर्माण के दौरान भारी ब्लास्टिग से पेयजल के सभी स्रोत रिसाव के कारण सुख चुके है। पेयजल की किल्लत से पंचायत क्षेत्र के दर्जनों गांवो में मई जून माह में त्राहि त्राहि मचती है। रैला,भाटकंडा,मझग्रां,अपररैला,टमूल, घाटसेरी, सइनधार, पाषी, षरोह, षेतीटोहल, षरण, जीवा, खड़ोआ व शुलगा गांवो के हजारों ग्रामीण पेयजल समस्या से बेहद परेशान है।
ग्रामीण किशन सिंह,ठाकर दास,पवन राॅयल,टेक सिंह,जितेंद्र धामी, धनी राम,दूर्गा धामी व उतम सिंह, मेहर सिंह रेलू,यान सिंह नेगी, दुर्गा सिंह,महिन्द्र सिंह,शरण गांव के भूमि चंद, लूदर सिंह, इन्द्र सिंह, यान सिंह,दुर्गा सिंह टमूहल के गिरधारी, बेली राम, ऐले राम ने बताया कि बर्षो से चली आ रही पेयजल समस्या के समाधान के लिए परियोजना प्रबंधन, सरकार व विभाग से कई बार मांग की जा चुकी है लेकिन थके हारे ग्रामीण अब भगवान भरोसे जीने को मजबूर हैं।
दस सालों में भी नही तैयार हुई 2 करोड़ की पेयजल योजना
पंचायत के लोगो ने पेयजल के लिए पार्वती परियोजना के खिलाफ अनेक विरोध प्रदर्षन भी किए जिसके उपरान्त एन एच पी सी द्वारा 1करोड़ 70 लाख रूपये सिंउड रैला उठाउ पेयजल योजना के लिए सिंचाई एंव लोक स्वास्थ्य विभाग को प्रदान किए गए तथा परियोजना की ओर से निर्माण शुरू होने पर जरूरत के हिसाव से और धन राषि के प्रावधान का अष्वासन दिया गया था । बर्ष 12 दिसंबर 2011 में इस योजना की आधारशीला रखी गई लेकिन इस योजना पर कछुआ गति से निर्माण कार्य के चलते 10 वर्षों के बाद भी यह योजना लोगों की प्यास बुझाने को तैयार नही है तथा समस्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है
विभाग की लापरवाही बनी योजना की राह की रोड़ा-
विभाग की एक बड़ी लापरवाही इस योजना की राह का रोड़ा बन गई है । पेयजल योजना का अधिकतर निर्माण कार्य पूरा हो चुका है लेकिन जिस जगह पर इसका दूसरा टैंक निर्माण प्रस्तावित है उस भूमि का अधिग्रहण विभाग द्वारा पहले नही किया गया था जिसके चलते भू मालिकों ने विवाद खड़ा कर निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है।
स्थानीय पंचायत समिति की सदस्या रेशमा देवी, पंचायत प्रधान जोगिन्द्र सोनी खिला देवी उप प्रधान कैलाश ठाकुर ,भगत राम का कहना है विभाग की लेटलतीफी के कारण लोगो की परेशानी बढ़ती जा रही है जिसके चलते ग्रामीणों में आक्रोश है। उन्होंने कहा है कि भूमि मालको ने विभाग को कार्य करने के लिए सहमति पत्र दिया है ! फिर भी विभाग कार्य नही कर रहा है !उन्होने सरकार से मांग की है कि शीघ्र योजना कार्य पूरा करने के बिभाग को आदेश दिए जाएं! अन्यथा विभाग का घेराव किया जाएगा