श्री बालाजी मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल कांगड़ा की स्थापना के 16 वर्ष हुए पूरे, कई मुकाम किए हासिल

(कांगड़ा)मनोज कुमार
हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र में सबसे बड़े निजी सेवा प्रदाता श्री बालाजी मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल कांगड़ा की स्थापना के 16 वर्ष आज पूरे हो गए हैं। चार नवंबर 2004 को अस्पताल के फाउंडर चेयरमैन स्व पंडित बालकृष्ण शर्मा ने इसे आमजन को समर्पित किया था। उनका सपना था कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए प्रदेशवासियों को अपने घर पर ही सभी तरह की सुविधाएं हासिल हो सकें। इसके चलते ही उन्होंने इस अस्पताल का सपना संजोया था, जोकि आज एक बड़े संस्थान के रूप में प्रदेश की जनता को अपनी सेवाएं दे रहा है। आज पंडित बालकृष्ण शर्मा तो स्वयं नहीं रहे पर उनके बेटे व अस्पताल के सीएमडी डॉ राजेश शर्मा ने उनके सपने को बड़ा आकार देते हुए इसे मेडिकल शिक्षा के हब के रूप में खड़ा करने की तरफ कदम बढ़ा दिए हैं। उसी का नतीजा है कि इस अस्पताल परिसर में ही आज ना केवल अस्पताल बल्कि नर्सिंग कॉलेज व कॉलेज ऑफ पैरामैडिकल भी कार्यरत हैं।
श्री बालाजी मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल कांगड़ा जिस वक्त आमजन को समर्पित किया गया था उस वक्त यहां 22 बिस्तरों के साथ तीन फैकल्टी शुरू की गई थी। आज 16 वर्ष पूरे होने पर यहीं पर 15 फैकल्टी व 105 बिस्तरों की व्यवस्था है। यानी अस्पताल ने बीते 16 वर्षों में आमजन की सेवा में हर दिन कुछ नया करने का प्रयास किया तो नित नई सुविधाओं को भी साथ जोड़ा। अस्पताल में इस वक्त मेडिसिन, स्त्री रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग, जनरल सर्जन, नेत्र रोग, ईएनटी, रेडियोलॉजी, गैस्ट्रो, न्यूरोसर्जन, गुर्दे के विशेषज्ञ जैसी तमाम तरह की फैकल्टी काम कर रही हैं। इसी तरह अस्पताल में 1.5 टेसला एमआरआई, 16 स्लाइस सीटी स्कैन, बोन स्कैन, 4 डी अल्ट्रासाउंड, 24 घंटे डायलसिस, आईसीयू के वेंटिलेटर सहित 12 बेड, सीसीयू के कैथ लैब सहित 10 बेड भी सुविधाओं में शामिल हैं।
अस्पताल के सीएमडी डॉ राजेश शर्मा ने अस्पताल के फाउंडर चेयरमैन स्व पंडित बालकृष्ण शर्मा के सपने के अनुरूप अपने कदमों को यहीं तक नहीं रोका बल्कि उससे आगे बढ़ते हुए इसे मेडिकल शिक्षा का हब बनाने की तरफ भी कदम बढ़ाए हैं। उसी का नतीजा है कि आज अस्पताल परिसर में ही श्री बालाजी अस्पताल एंड कॉलेज ऑफ नर्सिंग भी बीते दो साल से काम कर रहा है। प्रदेश का यही एकमात्र निजी क्षेत्र में ऐसा नर्सिंग कॉलेज है, जिसका अपना अस्पताल है। यानी इस कॉलेज में शिक्षा ले रही छात्राओं को प्रशिक्षण के लिए कहीं बाहर ना जाकर यहीं पर प्रशिक्षण की भी सुविधा हासिल है। डॉ राजेश ने इसी तरह इस वर्ष से अस्पताल परिसर में ही कॉलेज ऑफ पैरामैडिकल की भी कक्षाएं शुरू करने की तरफ कदम बढ़ा दिए हैं। इसी तरह परिसर से बाहर चंबा के परेल में भी बीते दो वर्षों से चंबा के परेल में एमआरआई व सीटी स्कैन सेंटर का भी संचालन शुरू किया है, ताकि चंबा के लोगों को इसके लिए बाहर ना जाना पड़े।
डॉ राजेश शर्मा ने हमेशा इस फील्ड को सेवा के रूप में लिया है। नतीजन आज यहां प्रदेश के दूर-दराज क्षेत्रों से लोग स्वास्थ्य लाभ के लिए आते हैं। डॉ राजेश का मानना है कि हमारा मकसद इसी बात से पूरा हो जाता है कि जब लोग यहां आकर स्वस्थ होकर घर लौटते हैं। उनका कहना है कि हमने तय किया है कि आने वाले वर्षों में सेवा के दायरे को डिमांड के अनुरूप बढ़ाते रहेंगे। उनका कहना है कि हम प्रदेशवासियों के आभारी है कि उन्होंने वक्त-वक्त पर हमें फीडबैक दिया तो हम उस दिशा में आगे बढ़ने में सफल हुए। उनका कहना है कि यही फीडबैक हमें आगे बढ़ने के लिए हमेशा हौसला प्रदान करती है। डॉ राजेश ने इस 16 साल के सफर के पूरा होने के पीछे अस्पताल के स्टाफ की मेहनत व लग्न को भी पूरा श्रेय देते हुए उन्हें बधाई दी है।