चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे हिमाचल के छात्रों का रिसर्च के क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन; फाइल किए 31पेटेंट
रोजगार की तलाश नहीं, बल्कि रोजगार प्रदाता बनकर उभरे हिमाचल के होनहार; स्थापित किए 11 स्टार्टअप
हिमाचल से यूनिवर्सिटी के रजत को 5 मल्टीनेशनल कंपनियों ने दिए प्लेसमेंट ऑफर
(कांगडा)मनोज कुमार
रिसर्च और इनोवेशन किसी भी देश के विकास का आधार है और भारत को अनुसंधान के क्षेत्र में अग्रणी देशों की सूची में शामिल करने के लिए चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, घड़ूआं शानदार प्रयास करते हुए साल 2020 में रिकॉर्ड तोड़ पेटेंट दर्ज कर आईटी के क्षेत्र में देशभर में पहले स्थान पर रही है। रिसर्च के क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन के साथ चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने विभिन्न क्षेत्रों में कुल 900 पेटेंट दर्ज किए हैं, जिनमें से 31 पेटेंट हिमाचल प्रदेश के होनहार छात्रों ने फाइल कर रिसर्च के क्षेत्र में अपनी भागीदारी का प्रमाण दिया है।
यह जानकारी चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के स्पोंसपर्सन तथा हेड ऑफ दि मीडिया डिपार्टमेंट प्रभदीप सिंह ने कांगड़ा में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पत्रकारों से साझा की। इस दौरान श्री प्रभदीप सिंह ने कहा कि देश को आत्मनिर्भर बनाने में उद्यमिता का बहुत योगदान है और आत्मनिर्भर भारत के इसी संकल्प को ध्यान में रखते हुए यूनिवर्सिटी के युवा उद्यमी स्वरोजगार का रास्ता अ2ितयार करने में रुचि दिखा रहे हैं। उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी भारत को आत्मनिर्भर बनाने में अहम योगदान देते हुए कुल 108 स्टार्टअप स्थापित कर रोजगार प्रदाता बनकर उभरे हैं, जिनमें से 11 स्टार्टअप हिमाचल के होनहार छात्रों ने शुरू कर स्वरोजगार को अपनाया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में महिलाएं निजी वाहनों का अधिक प्रयोग करने लगी हैं तथा ऐसे में वाहन में कोई समस्या होने पर उन्हें दूसरों की मदद लेनी पड़ती है।
इसी समस्या के समाधान के लिए चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के अभिलाष द्वारा इनबिल्ट हाइड्रोलिक जैक सिस्टम विकसित किया गया है। यह सिस्टम डैशबोर्ड से नियंत्रित किया जाता है, जहां उचित निर्देशों के साथ जैक का उपयोग करने के लिए तीन बटन हैं, जिसका महिलाएं आसानी से प्रयोग कर सकती हैं। इस सिस्टम में जैक की फ्रंट जोड़ी सामान्य जैक होती है, लेकिन पीछे वाले जैक विशेष रूप से व्यवस्थित होते हैं, जिसमें दो आधार हैं। यह आसानी से टायर बदलने में मदद करेगा तथा मैकेनिकों का काम भी आसान कर देगा।
प्रभदीप सिंह ने कहा कि रिसर्च को प्रोत्साहित करने तथा इस क्षेत्र में युवाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी द्वारा 6.5 करोड़ रुपए सालाना बजट प्रस्तावित किया गया है और यूनिवर्सिटी में स्थापित टेक्नोलॉजी बिजनेस इनंयूबेटर देश के टॉप 10 इनंयूबेटरों में से एक है। रिसर्च ही नहीं, बल्कि प्लेसमेंट के क्षेत्र में भी हिमाचल के छात्रों का प्रदर्शन काबिलेतारीफ रहा है। छात्रों की उपल4िधयों के बारे में बात करते हुए प्रभदीप सिंह ने कहा कि पिछले वर्ष विभिन्न क्षेत्रों की 691 से अधिक मल्टीनेशनल कंपनियों ने यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों को 6617 से अधिक प्लेसमेंट ऑफर प्रदान किए हैं तथा जिनमें से हिमाचल के 740 छात्रों को विभिन्न मल्टीनेशनल कंपनियों ने नौकरी दी है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के 4000 से अधिक विद्यार्थी चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में अध्ययनरत हैं, जबकि कैंपस प्लेसमेंट में साल 2019 की तुलना में गत वर्ष 30 प्रतिशत अधिक विद्यार्थियों को नौकरी मिली है। इसके अलावा प्रभदीप सिंह ने बताया कि बैच 2021 के छात्रों को 500 से अधिक मल्टीनेशनल कंपनियों ने 5000 से अधिक प्लेसमेंट ऑफर दिए हैं। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के तहत पढ़ रहे जयसिंहपुर, कांगड़ा के रजत जसरोटिया को 5 मल्टीनेशनल कंपनियों ने आकर्षक पैकेज पर नौकरी की पेशकश की है, जिनमें ज़ेसेल टेक प्राइवेट लिमिटेड, विप्रो, अल्टुडो कंसल्टेंसी सर्विसेज, कैपजैमिनी इंडिया और एनआईआईटी टेक्नोलॉजी शामिल है। इसके अतिरिक्त पालमपुर की दिव्या कटोच को एक्सेंचर और ओपन एक्सेस टेक्नोलॉजी द्वारा नौकरी के ऑफर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी में सीएसई के तहत पढ़ रहे सुंदरनगर मंडी के मेहुल थापा को सॉफ्टवेयर कंपनी ग्रेपसिटी, कोग्निज़ेंट, विप्रो, टीसीएस और आयरिश मल्टीनेशनल कंपनी एक्सेंचर ने आकर्षक पैकेज पर नौकरी के ऑफर दिए हैं।
खेल के क्षेत्र में हिमाचल के छात्रों की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए प्रभदीप सिंह ने कहा कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के बीए़बीएड के छात्र वैभव अरोड़ा का इस साल आईपीएल-2021 के 14वें संस्करण में शाहरुख खान की टीम कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए चयन हुआ है, जो कि यूनिवर्सिटी तथा हिमाचल राज्य के लिए गौरव का विषय है। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी के युवा खिलाड़ियाें ने राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय स्तर और ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी खेलों में उच्च आयाम स्थापित करते हुए 46 गोल्ड, 38 सिल्वर और 49 ब्राँज मेडल हासिल कर कुल 133 मेडल यूनिवर्सिटी के नाम किए हैं, जिनमें से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 9 मेडल, राष्ट्रीय स्तर पर 25 मेडल, ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी स्तर पर 93 और खेलो इंडिया गेम्ज में 6 मेडल प्राप्त कर वैश्विक स्तर पर यूनिवर्सिटी को गौरवान्वित किया है।
प्रभदीप सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों को वैश्विक स्तर का अनुभव और ट्रेनिंग प्रदान करने के लिए यूनिवर्सिटी ने 68 देशों के 306 विश्वविद्यालयों के साथ अकादमिक साझेदारी स्थापित की है। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी के इंटरनेशनल आर्टिकुलेशन प्रोग्राम के तहत छात्र यूएसएए कनाडा और ऑस्टेलिया जैसे विभिन्न देशों में पढ़ाई कर सकते हैं, जिसके तहत उन्हें ट्यूशन फीस, आवास के लिए 100 प्रतिशत तक की छात्रवृत्ति मुहैया करवाई जाती है। प्रभदीप सिंह ने कहा कि अब तक 1200 से अधिक छात्र विदेश में अध्ययन के लिए जा चुके हैं और आईएलईटीएस, जीमेट, स्कॉलरशिप टेस्ट के साथ-साथ वीज़ा के इंटरव्यू, आवेदन तथा डॉक्यूमेंटेशन आदि के लिए छात्रों को यूनिवर्सिटी में एक ही छत के नीचे तैयारी करवाई जाती है।
प्रभदीप सिंह ने कहा कि चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी देश के टॉप 24 विश्वविद्यालयों में शुमार है, जिन्होंने नेशनल असेसमेंट एंड एक्रिडिटेशन काउंसिल से नैक A+ ग्रेड हासिल किया है और नैक से मान्यता प्राप्त करने वाली देश की सबसे यंगेस्ट और पंजाब की पहली यूनिवर्सिटी है। इसके अतिरिक्त अपने उच्च स्तरीय अकादमिक स्तर के फलस्वरूप 1यूएस आईगेज से डायमंड रेटिंग प्राप्त की है और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी 1यूएस आईगेज 7 डायमंड हासिल करने वाली पंजाब की पहली व एकमात्र यूनिवर्सिटी है तथा इनोवेशन के क्षेत्र में देशभर में पहले स्थान पर रही है।
देशभर के योग्यवान छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई 33 करोड़ रुपए की सीयूसीईटी-2021 स्कॉलरशिप योजना के ऑनलाइन पोर्टल का विमोचन करते हुए प्रभदीप सिंह ने कहा कि इस स्कॉलरशिप के तहत यूनिवर्सिटी द्वारा करवाए जा रहे 133 अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सों में विद्यार्थी 100 प्रतिशत तक की स्कॉलरशिप हासिल कर सकते हैं, जिसके लिए वेबसाइट पर भी आवेदन किया जा सकता है तथा अब तक तकरीबन 63000 विद्यार्थी इस स्कॉलरशिप का लाभ ले चुके हैं। डा. बावा ने बताया कि इंजीनियरिंग, एमबीए, लॉ, फार्मेसी और एग्रीकल्चर कोर्सों के लिए यह परीक्षा देना अनिवार्य होगा।