केजरीवाल सरकार के गवर्नेंस मॉडल ने बदला सियासी मिजाज
दिल्ली की जनकल्याणकारी योजनाओं को अपनाने की भाजपा और कांग्रेस में मची होड़
(कांगडा)मनोज कुमार
आम आदमी पार्टी के गवर्नेंस के “दिल्ली मॉडल” ने देश में धूम मचा दी है और एक नया राजनीतिक आख्यान उभर कर लोगों के सामने आ रहा है। केजरीवाल सरकार के बिजली, पानी, शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों को हर कोने से तारीफ़ हासिल हो रही है। दिल्ली सरकार की जनकल्याण की योजनाओं को देश की दोनों बड़ी राजनीतिक पार्टियां अपनाने को विवश हो गई हैं। इसका ताजा उदाहरण पांच राज्यों के चुनावों में दोनों दलों द्वारा जारी घोषणा पत्र में देखने को मिल रहा है।
कांग्रेस ने असम और केरल में 200 युनिट बिजली मुफ्त में मुहैया कराने का चुनावी वायदा किया है वहीं पर भारतीय जनता पार्टी ने बंगाल में महिलाओं को पब्लिक ट्रांसपोर्ट में मुफ्त सफर प्रदान करने की बात कही है। गौरतलब है कि दोनों पार्टियां केजरीवाल सरकार द्वारा प्रदान की गईउक्त योजनाओं को पानी पी पी कर कोसती रही थी और अब खुद इन योजनाओं को लागू करने की बात कह रही हैं। आम आदमी पार्टी, हिमाचल प्रदेश के प्रवक्ता कल्याण भंडारी ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि न तो कांग्रेस अपने राजस्थान, छत्तीसगढ़ पंजाब राज्यों में सस्ती व फ्री बिजली प्रदान कर पाई है और न ही भाजपा हरयाणा, हिमाचल, उत्तराखंड, कर्नाटक इत्यादि राज्यों में मुफ्त सफर उपलब्ध करा पाई है। ऐसे में इन दोनों दलों का दोगला चाल, चरित्र व चेहरा सामने आ गया है
भंडारी ने आगे बताया कि आम आदमी पार्टी, पंजाब की सूबे में मुख्य विपक्षी पार्टी की दमदार भूमिका के चलते कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार को अपनी सियासी जमीन खिसकने के डर से राज्य के भीतर एक करोड़ इक्कतीस लाख महिलाओं व लड़कियों को राज्य परिवहन निगम की बसों में फ्री सफर की सुविधा देने के लिए विवश होना पड़ा है। आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई सात अप्रैल से राज्य के बिजली उपभोक्ताओं को मुफ्त व सस्ती दरों पर बिजली मुहैया कराने के लिए जन आंदोलन शुरू करने जा रही है। लिहाजा कांग्रेस सरकार की परेशानियां कम होने की कोई गुंजाइश नहीं है। “आप” प्रवक्ता के अनुसार हिमाचल नगर निगम चुनावों के दृष्टिगत जबसे आम आदमी पार्टी के घोषणा पत्र में राज्य के कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन योजना बहाली के बावत जय राम सरकार पर दिल्ली की तर्ज पर विधानसभा में प्रस्ताव पारित करवाने के लिए संघर्ष शुरू करने का एलान किया है तबसे ही राज्य के दोनों दलों में राजनीतिक घबराहट पैदा हो गई है। कांग्रेस के नेता इस दिशा में अलग अलग बयान देते नजर आ रहे हैं। ऐसे में “आप” का छोटा पैकेट कोई “बड़ा धमाका” करने की कुब्बत रखता है।